खडसे ने कहा- मेरे जैसे नेताओं को अहमियत देते, तो 20 से 25 सीटों का फायदा होता
मंगलवार को अजित पवार के बाद देवेंद्र फडणवीस ने भी इस्तीफा दे दिया था
राकांपा-शिवसेना-कांग्रेस गठबंधन ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा किया था
मुंबई. भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने बुधवार को कहा कि पार्टी को राकांपा नेता अजित पवार का समर्थन नहीं लेना चाहिए था। उन्होंने कहा, “मेरी निजी राय यह है कि भाजपा को अजित दादा पवार का समर्थन नहीं लेना चाहिए था। वह बड़े सिंचाई घोटाले में आरोपी हैं।” खडसे ने विधानसभा चुनाव में तवज्जो न दिए जाने का आरोप लगाते हुए इससे पार्टी को नुकसान होने की बात भी कही।
खडसे ने कहा कि अगर उनके जैसे नेताओं को अहमियत दी जाती, तो पार्टी विधानसभा चुनाव में 20 से 25 ज्यादा सीटें जीत सकती थी। 2016 में भ्रष्टाचार के आरोपों में इस्तीफा देने वाले पूर्व राजस्व मंत्री खडसे ने कहा- मुझे, चंद्रशेखर बावनकुले, विनोद तावड़े सहित कई नेताओं को राज्य के चुनावी अभियान से लगातार दूर रखा गया। हमने इस मुद्दे को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने भी उठाया। उन्होंने कहा, “इस फैसले से पार्टी को बहुत नुकसान हुआ। अगर हमें बेहतर तरीके से शामिल किया जाता, तो कम से कम 20 से 25 सीटों का फायदा होता।”
फडणवीस ने 80 घंटे बाद इस्तीफा दिया
शनिवार को सुबह 8 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले देवेंद्र फडणवीस ने करीब 80 घंटे के बाद मंगलवार दोपहर इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी इस्तीफा दे चुके थे। फडणवीस ने प्रेसवार्ता में कहा था कि अजित पवार ने कहा कि कुछ निजी कारणों से वे इस गठबंधन में नहीं रह सकते। उन्होंने अपना इस्तीफा मुझे सौंपा। इसके बाद हमारे पास बहुमत नहीं है। भाजपा ने पहले दिन से एक भूमिका ली थी कि हम किसी विधायक को नहीं तोड़ेंगे। हम हॉर्स ट्रेंडिंग नहीं करेंगे, इसलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं।
28 नवंबर को उद्धव ठाकरे शपथ लेंगे
इस घटनाक्रम के बाद देर शाम को शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को 28 नवंबर को शपथ दिलाने की बाद कही। उद्धव ठाकरे 28 नवंबर को शिवाजी पार्क में शाम 6.40 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।